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Tuesday, 30 July 2013
खून की कमी
July 30, 2013
1.Fruits and Other Food items for Health, 1.Helpful Tips(उपयोगी युक्तियाँ), रक्ताल्पता(anemia)
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खून की कमी
चकुंदर (उसको बीट भी कहें ते है )के टुकड़े
करके चाशनी में डालकर पका लें l जैसे आंवला केंडी बनती है, वैसे ही ये चकुंदर केंडी बन गयी । थोडा रोज खाये ...खूब खून बनेगा.... भोजन के बाद या
कैसे भी खाये इसके अलावा गन्ना खाएं तथा टमाटर का जूस व किशमिश भिगा के उसका जूस पियें । और
भोजन के बाद किशमिश, टमाटर या गाजर ( उसमे से पीला भाग
नीकाल दें ) उसका जूस पियें तो भी खून बनेगा ।
बीट एक फायदे अनेक
बीट जो एक
कंदमूल है उसे लोग सलाद के रूप में भी लेते है।यह हमारे लिए बहुत ही उपयोगी कंदमूल
है।इसे नियमित रूप से खाने से खून साफ रहता है तथा शरीर में खून की कमी भी नही
होती है। इसका उपयोग कई तरह से किया जाता है। टमाटर के सूप का स्वाद और रंग बढ़ाने
के लिए उपयोग किया जाता है।
बीट का
नियमित रूप से यदि प्रतिदिन सेवन किया जाए तो कमजोरीभी दूर हो जाती है। जिन लोगों
में खून की कमी हो जाती है या पाई जाती है उन लोगों को भी बीत खाने की सलाह डॉक्टर
द्वारा दी जाती है। मोच आने पर बीट के पत्ते को रगड़ के लगाया जाए तो दर्द में राहत
मिलता है।इस तरह बीट कई बिमेरियों से राहत पाने के लिए भी बहुत ही उपयोगी
है।कब्जियत में बीट लाभकारी साबित होता है।
(१)पथरी से राहत के लिए चुकंदर :
चुकंदर को
पानी में उबाल कर इसका सूप पीने से पथरी में लाभ होता है .मात्र तीस मिली -लीटर (६
चाय के चम्मच के बराबर ) सूप दिन में चार बार लें ।
इससे गुर्दे
की सूजन भी दूर होती है .ये पेशाब ज्यादा लाता है .मूत्रल है.डाय-युरेतिक्स का काम
करता है .गुर्दे के रोगों में भी लाभदायक है ।
(२)सांस नाली को साफ़ रखता है
:चुकंदर बलगम को निकालकर श्वसन मार्ग ,सांस -नली को साफ़ करता है ।
(३)बाल गिरना कम करता है :चुकंदर के
ताज़े पत्ते मेहँदी के साथ पीसकर सिर पर लेप करने से बालों का गिरना बंद हो जाता है
.बाल तेज़ी से उगतें ,बढतें हैं ।
(४)गंजपन का समाधान :चुकंदर के
पत्तों को पीसकर इसमें थोड़ी सी हल्दी मिलाकर लेप करने से बाल उग आतें हैं ।
(५ )एग्जिमा में लाभ :चुकंदर के
पत्तों के रस में शहद मिलाकर लगाने से दाद (एग्जिमा )ठीक हो जाता है ।
(६)गोरा बनाने का देशी सौदा :
एक कप
चुकंदर के रस में एक कप पके लाल टमाटर का रस तथा दो चमच कच्ची हल्दी का रस (या एक
चम्मच हल्दी पाउडर )मिलाकर सुबह शाम १५ दिन सेवन करने से त्वचा का रंग गोरा होता
है ।
(७)उच्च रक्त चाप (हाई -पर -टेंशन
/हाई -ब्लड प्रेशर )में राहत के लिए :
एक कप
चुकंदर एक कप लाल टमाटर तथा आधा कप पपीता का रस और आधा कप किन्नू (नारंगी )का रस
मिलाकर नित्य दो मर्तबा पीने से उच्च रक्त चाप में आराम आता है ।
बत्लादें
आपको चुकंदर खून की नालियों ब्लड वेसिल्स को चौड़ा करता है ,नाइट्रेट्स से भरपूर है .
Anaemia
Anaemia
Chakunder (also called as beetroot), make slices of them and dip it in sugar syrup. Make candies out of it similar to amla candy. Have some everyday.... this will greatly improve blood formation... Take it after meals or in any other time. Once can also have juice made of amla, sugarcane, and tomato with soaked kismiss. Or having juice made of kismiss, tomato or carrot(remove the yellow portion) after meals is also considered beneficial.
Monday, 29 July 2013
आयु तथा बुद्धिवर्धक प्रयोग
आयु तथा बुद्धिवर्धक प्रयोग
मार्कंडेय
ऋषि का नित्य सुमिरन करने वाला और संयम-सदाचार का पालन करने वाला व्यक्ति १०० वर्ष जी सकता है - ऐसा
शास्त्रों में लिखा है l कोई १ तोला (११.५ ग्राम) गौमूत्र लेकर उसमें
देखते हुए सौ बार "मार्कंडेय" नाम का सुमिरन करके उसे पी लें तो बुखार
नहीं आता, उसकी बुद्धि तेज हो जाती है और शरीर में स्फूर्ति आती है l
अपने जन्मदिवस पर ८ चिरंजीवियों (मार्कंडेय, अश्वथामा, राजा बलि, हनुमानजी, विभीषण, वेद व्यास जी, कृपाचार्य जी, परशुरामजी) का सुमिरन व प्रार्थना करके एक पत्र में २ पल दूध (१० से १०० ग्राम) तथा थोड़ा सा तिल व गुड मिलाकर पियें तो व्यक्ति दीर्घजीवी होता है l प्रार्थना करने का मंत्र है -
ॐ मार्कंडेय महाभाग सप्तकल्पांतजीवन, चिरंजीवी यथा त्वं भो भविष्यामि तथा मुने l
रूपवान वित्तवान्श्चैव श्रिया युक्त्श्च सर्वदा, आयुरारोग्य सिद्ध्यर्थ प्रसीद भगवन मुने l
चिरंजीवी यथा त्वं भो मुनीनाम प्रवरो द्विज, कुरुष्व मुनिशार्दूल तथा मां चिरजिविनम l
नववर्षायुतं प्राप्य महता तपसा पुरा, सप्तैकस्य कृतं येन आयु मे सम्प्रय्च्छ्तु l
अथवा तो नींद खुलने पर ८ चिरंजीवी का सुमिरन करे तो व्यक्ति निरोग रहता है l
अपने जन्मदिवस पर ८ चिरंजीवियों (मार्कंडेय, अश्वथामा, राजा बलि, हनुमानजी, विभीषण, वेद व्यास जी, कृपाचार्य जी, परशुरामजी) का सुमिरन व प्रार्थना करके एक पत्र में २ पल दूध (१० से १०० ग्राम) तथा थोड़ा सा तिल व गुड मिलाकर पियें तो व्यक्ति दीर्घजीवी होता है l प्रार्थना करने का मंत्र है -
ॐ मार्कंडेय महाभाग सप्तकल्पांतजीवन, चिरंजीवी यथा त्वं भो भविष्यामि तथा मुने l
रूपवान वित्तवान्श्चैव श्रिया युक्त्श्च सर्वदा, आयुरारोग्य सिद्ध्यर्थ प्रसीद भगवन मुने l
चिरंजीवी यथा त्वं भो मुनीनाम प्रवरो द्विज, कुरुष्व मुनिशार्दूल तथा मां चिरजिविनम l
नववर्षायुतं प्राप्य महता तपसा पुरा, सप्तैकस्य कृतं येन आयु मे सम्प्रय्च्छ्तु l
अथवा तो नींद खुलने पर ८ चिरंजीवी का सुमिरन करे तो व्यक्ति निरोग रहता है l
क्या हल्दी के इन गुणों से आप अवगत हैं?
क्या हल्दी के इन गुणों से आप अवगत हैं?
यह
व्यंजनों के स्वाद में तो इजाफा करती ही है साथ ही इसमें अनेक औषधीय गुण भी होते
हैं। त्वचा, पेट और शरीर की कई बीमारियों में हल्दी का
प्रयोग किया जाता है। हल्दी का प्रयोग लगभग सभी प्रकार के खाने में किया जाता
है। हल्दी के पौधे से मिलने वाली इसकी
गांठे ही नहीं बल्कि इसके पत्ते भी बहुत उपयोगी होते हैं। हजारों साल से भारतीय
खाने में आवश्यक रूप से इस्तेमाल होने वाली हल्दी सेहत के लिए भी फायदेमंद है।
भारतीय लोक कथाओं,
संस्कृति एवं एरंपराओं में हल्दी का
इस्तेमाल, सदियों से उसके विशिष्ट गुणों के चलते विभिन्न
रूपों में कया जाता रहा है। दादी मां के नुस्खों में शारीरिक क्षति जैसे, चोट, मोच, अंदरूनी घाव को ठीक करने, सर्दी जुकाम व खांसी आदि बीमारियों को ठीक करने
आदि के अतिरिक्त सौंदर्य प्रसाधन, धार्मिक
व सामाजिक मांगलिक कार्यक्रमों में हल्दी का प्रयोग किया जाता है। आइये और जानते
हैं हल्दी के स्वास्थ्य और सौदर्य के गुणों के बारे में- स्वास्थ्य और
सौंदर्य का खजाना हल्दी
1. यह एक प्राकृतिक एंटिसेप्टिक एवं एंटिबैक्टेरियल एजेन्ट है। हल्दी का पावडर जले और कटे अंग पर लगाने से संक्रमण का जोखिम कम हो जाता है।
2. हल्दी को फूलगोभी के साथ मिलाकर खाने से प्रोस्टेट कैंसर की आशंका जाती रहती है। इसके अलावा अगर प्रोस्टेट कैंसर हो तो उसका बढ़ना रुक जाता है।
3. चूहों पर हुए प्रयोग से पता चला है कि हल्दी स्तन कैंसर को फेफड़ों में जाने से रोक देती है।
4. हल्दी से मेलानोमा यानी काले तिल उभरना रुक सकता है। इसके अलावा मौजूद मेलानोमा सेल्स आत्महत्या कर लेते हैं। हल्दी त्वचा का रूप निखारने के लिए सदियों से भारत में इस्तेमाल की जाती रही है।
5. बचपन में होने वाले ल्यूकेमिया यानी रक्तकैंसर का जोखिम कम हो जाता है।
6. लिवर शुद्धि के लिए यह एक प्राकृतिक छन्नी है।
7. हल्दी मस्तिष्क में बनने वाले एम्लोयड प्लॉक की वृद्धि एवं निर्माण रोककर एल्जाइमर्स की बढ़त पर रोकथाम कर लेती है।
7. हल्दी मस्तिष्क में बनने वाले एम्लोयड प्लॉक की वृद्धि एवं निर्माण रोककर एल्जाइमर्स की बढ़त पर रोकथाम कर लेती है।
8.दमा के मरीजों को दूध में हल्दी
चूर्ण मिलाकर सुबह शाम लेना चाहिए।
9.मोच या हड्डी टूट जाने पर हल्दी
का लेप लगाएं।
10.हल्दी और गुड़ को मिलाकर खाने से
पेट के कीड़े मर जाते हैं।
11.मुंह में छाले हो जाने पर गुनगुने
पानी में हल्दी पाउडर डालकर कुल्ला करें।
12.दरदरी पिसी हल्दी को ताजी मिलाई के
साथ मिलाकर चेहरे व हाथ पर लगाने कर सूखने दें।
गुनगुने पानी से चेहरा धो ले।
त्वचा चमक उठेगी।
13.लिवर के मरीजों के लिए काफी
फायदेमंद होती है।
14.मासिक के दिनों में पेट दर्द होने
पर गरम पानी के साथ हल्दी को लेने से दर्द से राहत मिलती है।
15.प्रतिदिन एक चुटकी हल्दी को खाने
से भूख बढ़ती है।
16.हल्दी की गांठ को पानी के साथ
मिलाकर पिस लें। नहाने से पहले इसे उबटन की तरह लगाएं। हफ्ते भर में त्वचा में
निखार आएगा।
18.चर्म रोग में हल्दी औषधि का काम
करती है।
19.बिच्छू, मक्खी जैसे किसी विषैले कीड़े के
काटने पर हल्दी का लेप लगाना चाहिए।
२०.दांतों से पीलापन दूर करने के हल्दी में सेंधा नमक
व सरसों का तेल मिलाकर दांतों को साफ करें।
हल्दी के औषधीय प्रयोग
- सर्दी-खांसी - हल्दी के टुकड़े को घी में सेंककर रात्रि को सोते समय मुंह में रखने से कफ, सर्दी और खांसी में लाभ होता है हल्दी के धुंए का नस्य लेने (नाक से सूंघने से) सर्दी व जुकान में तुरंत आराम मिलता है अदरक एवं ताज़ी हल्दी के एक-एक चम्मच रस में शहद मिलाकर सुबह-शाम लेने से कफ दोष से उत्पन्न सर्दी-खांसी में लाभ होता है (पथ्य- भोजन में मीठे, पचने में भारी एवं तले हुए पदार्थ लेना बंद कर दें)
- टांसिल - हल्दी चूर्ण को शहद में मिलाकर टांसिल पर लगायें
- कोड़ - गौमूत्र में तीन से पांच ग्राम हल्दी मिलाकर पीने से लाभ होता है
- मूत्ररोग - ताज़ी हल्दी एवं आंवले के दो-दो चम्मच रस में शहद डालकर पीने से प्रमेह में आराम मिलता है
- कृमि - ७० प्रतिशत बच्चों को कृमि रोग होता है ताज़ी हल्दी का आधा से एक चम्मच रस रोज़ पिलाने से बालकों के कृमि रोग दूर होते हैं अंजीर रात को भिगोकर सुबह खाली पेट खिलाने से भी कृमिरोग दूर होते हैं
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