AD

Ad

Wednesday, 6 February 2013

चॉकलेट का अधिक सेवनः हृदयरोग को आमंत्रण


चॉकलेट का अधिक सेवनः हृदयरोग को आमंत्रण

क्या आप जानते हैं कि चॉकलेट में कई ऐसी चीजें भी हैं जो शरीर को धीरे-धीरे रोगी बना सकती है ? प्राप्त जानकारी के अनुसार चॉकलेट का सेवन मधुमेह एवं हृदयरोग को उत्पन्न होने में सहाय करता है तथा शारीरिक चुस्ती को भी कम कर देता है। यदि यह कह दिया जाये कि चॉकलेट एक मीठा जहर है तो इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।

कुछ चॉकलेटों में इथाइल एमीन नामक कार्बनिक यौगिक होता है जो शरीर में पहुँचकर रक्तवाहिनियों की आंतरिक सतह पर स्थित तंत्रिकाओं को उदीप्त करता है। इससे हृदयरोग पैदा होते हैं।

हृदयरोग विशेषज्ञों का मानना है कि चॉकलेट के सेवन से तंत्रिकाएँ उदीप्त होने से डी.एन.ए. जीन्स सक्रिय होते हैं जिससे हृदय की धड़कने बढ़ जाती हैं। चॉकलेट के माध्यम से शरीर में प्रवेश करने वाले रसायन पूरी तरह पच जाने तक अपना दुष्प्रभाव छोड़ते रहते हैं। अधिकांश चॉकलेटों के निर्माण में प्रयुक्त होने वाली निकेल धातु हृदयरोगों को बढ़ाती है।

इसके अलावा चॉकलेट के अधिक प्रयोग से दाँतों में कीड़ा लगना, पायरिया, दाँतों का टेढ़ा होना, मुख में छाले होना, स्वरभंग, गले में सूजन व जलन, पेट में कीड़े होना, मूत्र में जलन आदि अनेक रोग पैदा हो जाते हैं।

वैसे भी शरीर स्वास्थ्य एवं आहार के नियमों के आधार पर किसी व्यक्ति को चॉकलेट की कोई आवश्यकता नहीं है।




0 comments:

Post a Comment

Ad

Ad

AD

AD