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Thursday, 14 February 2013

शय्यामूत्र का इलाज(Treatment of enuresis)

शय्यामूत्र का इलाज(Treatment of enuresis)

जामुन की गुठली को पीसकर चूर्ण बना लो। इस चूर्ण की एक चम्मच मात्रा पानी के साथ देने से लाभ होता है।
रात को सोते समय प्रतिदिन छुहारे खिलाओ।
200 ग्राम गुड़ में 100 ग्राम काले तिल एवं 50 ग्राम अजवायन मिलाकर 10-10 ग्राम की मात्रा में दिन में दो बार चबाकर खाने से लाभ होता है।
रात्रि को सोते समय दो अखरोट की गिरी एवं 20 किशमिश 15-20 दिन तक निरन्तर देने से लाभ होता है।
सोने से पूर्व शहद का सेवन करने से लाभ होता है। रात को भोजन के बाद दो चम्मच शहद आधे कप पानी में मिलाकर पिलाना चाहिए। यदि बच्चे की आयु छः वर्ष हो तो शहद एक चम्मच देना चाहिए। इस प्रयोग से मूत्राशय की मूत्र रोकने की शक्ति बढ़ती है।

पेट में कृमि होने पर भी बालक शय्या पर मूत्र कर सकता है। इसलिए पेट के कृमि का इलाज करायें।


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